सोमवार, 23 मई 2011
बेहतरीन जोड़ी रेणुका-आशुतोष
उनकी मुस्कुराहट ऐसी है कि लोग घायल हो जाएं और उनकी हिंदी इतनी शुद्ध कि लोग अश्चर्य कर बैठें। इन दोनों ने फिल्म और टीवी इंडस्ट्री में अपनी खास जगह बना ली है। और एक-दूसरे के दिल में भी। आइए जानते हैं रेणुका शहाणे और आशुतोष राणा के बारे में-
रेणुका : हम "जयति' नामक एक फिल्म के ट्रायल के मौके पर मिले थे। हालांकि यह फिल्म कभी थिएटर तक पहुंची ही नहीं। आशुतोष सिंगर राजेश्वरी सचदेव के साथ आए थे। उन्होंने मुझे आशुतोष से इंट्रोदयुस कराया था। मैंने "दुश्मन' नहीं देखी थी। लेकिन उन्होंने "हम आपके हैं कौन' और "सैलाब' देखी थी। उन्होंने कहा- हम आपके बड़े प्रशंसक हैं। शो के बाद उन्होंने मुझे पृथ्वी थिएटर तक छोड़ा था। उसके बाद महीनों तक हम कांटैक्ट में नहीं रहें। फिर निर्देशक रवि राय की दिवाली पार्टी में हम दोनों को जाना था। वह किसी कारणवश नहीं आ पाए। दूसरे दिन उन्होंने मुझे फोन किया और हम एक घंटे तक बातें करते रहें। उसके बाद के दिन तो अमेजिंग रहे। बिजी शेडयुल की वजह से हम फोन पर ही बातें करते रहें। फिर तीन महीने बाद 31 दिसंबर को मिलें। आशुतोष की एक्स्ट्रीम इंटेलिजेंसी मुझे अच्छी लगती है। वह थोड़े मिस्टीरियस हैं। उनकी यह क्वालिटी किसी और में नहीं। पढ़े-लिखे और सुलझे इंसान हैं।
आशुतोष : शांति, इंटेलिजेंसी, स्ट्रांग पर्सनालिटी और उनकी लाइवलीनेस ने मुझे आकर्षित किया। हमें एक-दूसरे से बातें करना पसंद है। कई मुद्दों पर हमारी अलग राय होती है लेकिन हम काम के बारे में कभी भी एक-दूसरे से डिस्कशन नहीं करते। हमारी लंबी बहस में कभी भी उनकी पहले की जिंदगी शामिल नहीं होती। उस जिंदगी को लेकर मुझे कोई समस्या ही नहीं रही।
रेणुका : दूसरी शादी करने से पहले मुझे कई तरह की इनसिक्योरिटीज थीं। लेकिन मैं अपनी पहली शादी को लेकर दुखी नहीं हूं। मैं आज जो कुछ भी हूं, पहली शादी की वजह से ही हूं। शादी की योजनाओं को लेकर मेरे पापा ने कूल होकर रिएक्ट किया। मम्मी जरूर टेंशन में थीं, मेरी दूसरी शादी को लेकर नहीं, आशुतोष के फैमिली बैकग्राउंड को लेकर। मध्यप्रदेश के एक कस्बे में उनके परिवार में बारह लोग हैं।
आशुतोष : मैंने अपने घर में सबसे अंत में शादी की। मेरे परिवार वालों को रेणुका एक बार में पसंद आ गई। हां, हमारे बीच सांस्कृतिक अंतर तो हैं लेकिन रास्तों पर नहीं। हमने ढाई साल के कोर्टशिप के बाद शादी के बारे में सोचा।अंतत: मध्य प्रेश के दामोह में शादी करने का फैसला लिया।
रेणुका : हम दामोह पहुंचे तो वहां स्टेशन लोगों से भरा पड़ा था। ऐसा लग रहा था मानो कोई राजनीतिक रैली हो। रोड के दोनों ओर लोग खड़े थे। हम जीप में खड़े होकर लोगों की ओर हाथ हिला रहे थे। मेरी मम्मी नहीं आ पाई थी तो आशुतोष की बहन ने मेरा कन्यादान किया। यह देखकर पंडित बहुत आश्चर्य में थे। उनके लिए उनका परिवार पहले आता है। वह जड़ से जुड़े व्यक्ति हैं। शादी को अच्छा बनाए रखने के लिए वह बहुत कोशिश करते हैं। मेरे काम करने के निर्णय को हमेशा सपोर्ट करते हैं। सबसे बड़ी बात, वह स्मोकिंग या ड्रिंकिंग नहीं करते हैं।
आशुतोष : रेणुका में धैर्य कूट-कूटकर भरा है। वह मेरे ओकेजनल हाइपर एक्टिव बिहेवियर को समझती है और सपोर्ट करती है। बेहद ईमानदार और पॉजिटिव है।
रेणुका : वह मुझे लेकर बेहद पजेसिव हैं। इसके अलावा परफेक्ट हस्बैंड हैं। शादी में ईगो को आड़े नहीं आने देना चाहिए। हर लड़ाई को खत्म करना चाहिए। समस्या को ढूंढिए, डिस्कस कीजिए और सुलझाइए। लड़ाई के बाद सोइए मत।
आशुतोष : वह जैसी है, मैंने एक्सेप्ट किया है। चाहे उसकी निगेटिव क्वालिटीज ही क्यों न हो। मैरिज इज नॉट अ बेड ऑफ रोजेज। इसे निभाने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है। आपने यदि किसी को चुना है तो फिर चाहे जो भी हो, आपको उसके साथ रहना ही है।
रेणुका : हमारी शादी दोस्ती पर टिकी हुई है। मुझे लगता है ऐसा आज की शादी के बचे रहने के लिए जरूरी है। हमें साथ में समय बिताना पसंद है। फिल्में और नाटक देखना, थिएटर पर लंबी बहस करना, दोस्तों के साथ समय बिताना हम दोनों को अच्छा लगता है।
आशुतोष : मुझे बातें करना पसंद है और वह गुड लिसनर है। इसलिए भी हम साथ हैं। मेरे काम करने की क्षमता शादी के बाद बढ़ गई है। अब मैं जिंदगी को पॉजिटिव तरीके से जीता हूं। मेरा मानना है कि शादी चेंज नहीं बल्कि एक्सचेंज का मामला है।
रेणुका : पहली दफा मुझे लगा कि मैं शादी के बिना रह सकती हूं। लेकिन अब मैं खुश हूं कि मैंने शादी की। पहले से कहीं ज्यादा खुश हूं और भविष्य को लेकर पॉजिटिव भी। शादी ने मेरी जिंदगी बदलकर रख दी। आशुतोष बेहतरीन पापा हैं और अच्छे हस्बैंड भी। बिजी शेडयुल होने के बावजूद वह बेटों के साथ के लिए समय निकाल ही लेते हैं।
आशुतोष : मुझे पता है कि फादरहुड कठिन काम है। बावजूद इसके, मैं अपने बेटों का अच्छा पापा हूं और बीवी का अच्छा पति भी।
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