गुरुवार, 2 जून 2011

न माने तो छोड़ दो : सलमान खान



इन दिनों सलमान खान रेडी हैं। बीइंग ह्यूमन के पायरेटेड मर्चेंडाइज को लेकर परेशान सलमान खुद के केरेक्टर को ढीला कहकर धिन चक भी कह रहे हैं। रेडी सलमान से बातचीत-



"दबंग' सुपरहिट हुई। अब आप "रेडी' के साथ रेडी हैं। कितने नर्वस हैं?

"रेडी' एक और कॉमेडी फिल्म है। इतने सालों फिल्म इंडस्ट्री में रहने के बाद भी जब भी फिल्म के रिलीज का समय आता है तो मैं यह सोचकर थोड़ा नर्वस हो जाता हूं कि दर्शक पसंद करेंगे या नहीं। किसी भी दूसरे दर्शक की तरह मैं भी फिल्मों से अपेक्षा तो रखता ही हूं। एक साल में सिर्फ सलमान की नहीं, बल्कि कइयों की फिल्म रहती है। आमिर, अक्षय भी अपनी फिल्में रिलीज करते हैं तो बस इतना देखना होता है कि आपकी फिल्म चले और अपनी कीमत वसूल ले।

"वांटेड' के बाद "दबंग' और अब "रेडी', आप सिर्फ एक्शन हीरो ओरियंटेड फिल्में ही क्यों कर रहे हैं?

मैं मानता हूं कि पिछले कुछ सालों से हमारी फिल्मों से हीरोइज्म गायब होती जा रही है। जिस तरह की फिल्में देखकर हम बड़े हुए हैं, उनमें एक्शन हीरो थे, उन्हें हम आज तक नहीं भूल पाए हैं। इसलिए मैंने सोचा कि क्यों नहीं उस ट्रेंड को वापस लाया जाए और एक्शन हीरो वाली फिल्में की जाएं। जब एक आम व्यक्ति फिल्में देखता है तो लड़ाई में खुद से बेहतर किसी को देखना चाहता है। मैं उसी हीरोइज्म को फिल्मों में लाने की कोशिश में लगा हूं।

"दबंग' को करते समय उस समय लगा था कि फिल्म इतनी बड़ी हिट होगी?

लोग कई तरह की बातें करते हैं। कुछ ने तो टाइटल पर ही सवाल उठा दिए थे। कुछ ने तो यहां तक कह दिया था कि अधिकतर लोग फिल्म को समझेंगे ही नहीं क्योंकि यह टिपिकल यूपी-बिहार वाली फिल्म है। कुछ ने तो यहां तक कह डाला कि यह फिल्म मेरे करियर को पूरी तरह से चौपट कर देगी। लेकिन जब मार्केट में पहला प्रोमो आया और हमें जबरदस्त रिस्पांस मिला तो हम जान गए कि हमें सब कुछ मिल गया है। बाद में जब फिल्म रिलीज हुई तो लोग अपने लोगों को फिल्म देखने के लिए प्रेशर तक डालने लगे।

क्या "रेडी' को "दबंग' का एक्सटेंशन माना जाए?

ऐसा बिल्कुल नहीं है। "दबंग 2' अभी स्क्रिप्टिंग स्टेज पर है और उसकी शूटिंग मैं "एक था शेरखान' के बाद करूंगा। "रेडी' बिल्कुल अलग फिल्म है। यह कॉमिक एक्शन है, इसके कास्ट भी इंटरेस्टिंग हैं। इसमें कई ट्विस्ट एंड टर्न हैं। मुझे उम्मीद है कि लोग इसे देखकर हंसते रह जाएंगे।

"रेडी' दक्षिण भारतीय फिल्म की रीमेक है। आपकी ज्यादातार फिल्में ऐसी होती हैं तो क्या आप मसालेदार फिल्मों की ओर जा रहे हैं?

फिल्मों से हीरोगिरी नदारद हो गयी है। मैं अपने आप में हंसते या रोते हुए एक हीरो को देखना चाहता था और मुझे विश्वास है कि दूसरे लोग भी ऐसा ही चाहते हैं। कोई ऐसा नहीं करता था तो मैंने ही कर दिया। (हंसते हुए) अक्षय और अजय भी रीमेक करते हैं इसलिए मुझे विश्वास है कि यह काम करेगा। बेहतर तकनीक और सरल भाषा से हमारा प्रदर्शन अब और भी अच्छा हो गया है।

इसका संगीत बहुत पसंद किया जा रहा है, खासतौर पर "कैरेक्टर ढीला है', क्या यह आपका आइडिया था?

लोग कहते रहते हैं कि उसका "कैरेक्टर ढीला है' लेकिन सकारात्मक रूप में इस शब्द का प्रयोग नहीं किया जाता है। इसलिए हमने सोचा कि अगर हम इस पंच को अच्छे तरह से पेश कर सकें तो शायद यह काम कर जाए।

असिन और आपकी साथ में यह दूसरी फिल्म है, तो अब तक आपकी केमिस्ट्री कैसी रही?

(ठहाका लगाते हुए) अभी तक हमारी केमिस्ट्री बहुत अच्छी रही है और हम आपस में सब कुछ जैसे- कपड़े भी बांटते हैं, सिवाय उनके जिनके साथ हम डेट कर रहे हैं। वैसे आसिन बहुत अच्छी लड़की है। वह अच्छी तरह से जानती है कि क्या कहना चाहिए और क्या नहीं।

यानी कि आसिन स्पष्टवादी नहीं है?

ऐसा नहीं है। वह स्पष्टवादी है और मेरा मानना है कि औरतों को स्पष्टवादी ही होना चाहिए। आपको अपने विचार रखने चाहिए जो वह करती है। अगर उसे कुछ पसंद नहीं आता है तो वह कह देगी कि उसको पसंद नहीं है। अपनी पसंद बताने में उसे डर नहीं लगता है। वह बहुत मेहनती है। (हंसते हुए) वह ऐसे काम करती है जैसे पिछले 35-40 सालों से काम कर रही है और आज तक उसका जोश खत्म नहीं हुआ है। वह अच्छी फिल्में करना चाहती है।

23 साल पहले "मैंने प्यार किया' के समय आप दूसरो को पंच मारा करते थे, आज भी मारते हैं। अपनी हीरोइज्म को किस तरह आपने बरकरार रखा?

अब मैं 23 गुणा ज्यादा अनुशासन में रहता हूं। अब इसे करना 23 गुणा अधिक कठिन है। कई बार आपकी बॉडी रेशनल हो जाती है और आपको एक्शन फिल्में करते समय उसका अधिक ध्यान रखना पड़ता है। लेकिन यही हमारा काम है।

"बीइंग ह्यूमन' का मिशन क्या है? सुनने में आया है कि आप पायरेटेड बीइंग ह्यूमन मर्चेंडाइज को लेकर परेशान हैं?

परेशान होना तो स्वाभाविक ही है। पता नहीं क्यों कुछ लोग इस तरह का काम कर रहे हैं। मैं मानवता के लिए कुछ करना चाहता हूं और मर्चेंडाइज की बिक्री से जमा रुपये चैरिटी में जाते हैं। लेकिन डुप्लीकेट मर्चेंडाइज समाज की ओर हमारे सहयोग के लिए बाधा है।

हमने राहुल गांधी के साथ आपकी नई दोस्ती के बारे में सुना है। यदि किसी तरह का राजनीतिक या गैर राजनीतिक सहयोग करना पड़ा तो क्या आप आगे बढ़ेंगे?

राहुल बेहतरीन इंसान हैं। देखिए, मैं राजनीति को समझने की कोशिश नहीं कर रहा। मैं बस इंसान हूं। सिर्फ इसी का ख्याल रख पाया तो बड़ी बात है। राहुल भी यही काम कर रहे हैं लेकिन बड़े प्लेटफॉर्म पर।

शादी की अफवाहों पर कैसे प्रतिवाद करते हैं, जैसा कि हाल ही में कहा कि आप शादी नहीं कर रहे हैं?

हां, मैं अभी कुछ समय तक शादी नहीं कर रहा हूं। मैं भी चाहता हूँ कि मेरा भी एक बच्चा हो लेकिन मेरी पसंद की लड़की से।

क्या आप सोचते हैं कि बहुत ज्यादा अंकुश रिश्ते को प्रभवित कर सकता है?

मैं इस विषय में उलझा हुआ हूं। रिश्ते में आप जब ज्यादा अंकुश रखते हैं, ज्यादा ध्यान रखते हैं और आपको अहसास होता है कि उस व्यक्ति को उतनी देखभाल की आवश्यकता नहीं है तो आप पीछे हट जाते हैं। (मजाकिया लहजे में) उदाहरण के तौर पर एक इलाके में एक कुत्ता रहता है और दूसरे इलाके में कुछ कुत्ते और एक कुतिया रहती है। उस एक कुतिया के पीछे जब दूसरे इलाके का कुत्ता आता है तो दूसरे कुत्ते उसे उठाकर फेंक देते हैं। इसे कहते हैं ख्याल रखना। प्यार से समझाओ, फिर कोड़ों से समझाओ और लोग फिर भी नहीं समझें तो उन्हें छोड़ दो। बाद में वे फिर आपके पास आएंगे, सबकी ट्रेन लेट चलती है और कभी-कभी तो विपरीत दिशा में भी चलती है।

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