शनिवार, 18 जून 2011

प्यारे पापा






















































































पापा के साथ की खट्टी-मीठी यादें सबके दिल में होती हैं। किसी को पापा कड़क लगते हैं तो किसी को स्ट्रिक्ट, फिर भी सबको अपने पापा किसी किसी तरह से आइडियल जरूर लगते हैं। टीवी एक्टर्स बता रहे हैं अपने पापा से जुड़ी यादें-


मोना सिंह : कई यादें हैं, जो स्पेशियली पापा के साथ की हैं। हमलोग दिल्ली में रहते थे और मैं हमेशा से स्पोट्र्स में भाग लेना चाहती थी। एक बार बड़ी मुश्किल से मुझे 100 मीटर की रेस में भाग लेने का मौका मिला। मेरे पापा का उस दिन ऑफिस था तो मैं थोड़ी अपसेट थी। उस दिन मैं ट्रैक पर थी, तभी देखा कि सामने मेरी मम्मी के साथ पापा भी बैठे हुए हैं। पापा को देखकर इतनी खुशी हुई, जितनी रेस में भाग लेकर नहीं हुई थी। मैं तेजी से दौड़ी और सेकेंड आई। रेस में सेकेंड आने से ज्यादा खुशी मुझे पापा को देखकर थी। दूसरी दफा की याद तब की है, जब मुझे "जस्सी जैसी कोई नहीं' में लीड रोल निभाने का मौका मिला था। पुणे में मेरे कॉलेज ने मुझे इनवाइट किया था, तब पापा के चेहरे पर गर्व देखकर मैं खुश हो गई थी।


गुरमीत चौधरी : मेरी यादें बड़ी मजेदार हैं। मैं क्लास बंक करता था और पापा मुझे पकड़ लेते थे। मैं सड़क पर आगे रहता था और वह पीछे। उस समय अपने पापा की पर्सनालिटी को देखकर मैं खुश हो जाता था। जब मैंने मुंबई आने के बारे में उनसे कहा तो उन्होंने आर्मी ड्यूटी से छुट्टी ली और मेरे साथ यहां आए। उस समय मैं 17 साल का था। मेरे पापा अपनी यूनिफॉर्म पहनते और मेरे साथ जाते। मुझे याद है कि लोग मेरे पापा को कितनी इज्जत से देखते थे। उन्होंने ही मुझष श्यामक डावर डांस एकेडमी में एडमिशन कराया। बाद में मेरे पापा ने जबलपुर से मुंबई ट्रांसफर लिया ताकि हम सब साथ रह सकें।


देबिना बनर्जी : पापा के नाम से ही मेरे चेहरे पर मुस्कुराहट आ जाती है। वह हमेशा मेरे अल्टीमेट हीरो रहेंगे। मैं अपने पापा से ज्यादा खुली हुई नहीं हूं। वह हमेशा अपने काम में बिजी रहते थे। लेकिन जब भी हमें उनकी जरूरत पड़ती, वह साथ होते रहे हैं। मां के साथ क्लोज होने के बावजूद मैं अच्छी खबर पहले हमेशा पापा से ही शेयर करती हूं। जब मेरी इच्छा मिस कोलकाता कांटेस्ट में भाग लेने की हुई तो मां ने पापा से बात करने को कहा। मुझे डर लगा था लेकिन उन्होंने मुझे समझा और फॉर्म खुद भरा। उनके पास कभी कार नहीं थी लेकिन उन्होंने मेरे लिए कार खरीदी। मेरे लिए मोबाइल खरीदा। मुझे याद है उन्होंने किसी से कहा था कि मैं गरीब हूं लेकिन मेरी बेटी अमीर है।


रागिनी खन्ना : मैं शांत बच्ची थी और कभी भी अपने पैरेंट्स को परेशान नहीं करती थी। पूरा दिन मम्मी के साथ बिताती थी लेकिन रात को पापा के साथ ही सोती थी। मुझे तब तक नींद नहीं आती थी, जब तक वह मुझे गले नहीं लगाते थे। ऐसा आठ साल की उम्र तक चलता रहा। बड़ी होने पर मैं मम्मी के साथ कंफर्टेबल हो गई क्योंकि पापा स्ट्रिक्ट थे। पापा से जुड़ा एक जोक हमें हमेशा याद रहता है। जब मैं चार साल की थी और पापा ने किसी वजह से डांट दिया था तो मैं मम्मी के पास गई और उन्हें कहा कि डैडी बदल दो।


अभिषेक रावत : मुझे पापा की हर बात अच्छी लगती है। मां तो हमेशा अपने बेटे का साथ देती है लेकिन जब बेटे बड़े हो जाते हैं तो मां का कंट्रोल उन पर से हट जाता है। तब पापा का कंट्रोल ही काम आता है। मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ है। पापा भले ही बचपन में हमें स्ट्रिक्ट लगते रहे लेकिन अब लगता है कि यदि वे स्ट्रिक्ट न होते तो हम आज इस काबिल न बनते। बच्चों में मोरल वैल्यूज पापा की वजह से ही आती है।

टॉम ब्वॉय प्रिया वल







प्रिया वल को पहचान मिली यूथ ओरियेंटेड धारावाहिक "रीमिक्स' से। फिर से वह स्टार वन के यूथ ओरियेंटेड शो "प्यार की ये एक कहानी' में बतौर सेकेंड लीड दिख रही हैं। इसमें प्रिया के कैरेक्टर का नाम मिशा डोबरियाल है, जो टॉम ब्वॉय है। जींस, टीज और बाइक के साथ प्रिया का यह लुक उन्हें बहुत सूट करता है। प्रिया से जानते हैं उनकी लाइफ का रियल फंडा-



इस धारावाहिक में मेरे कैरेक्टर का नाम मिशा है, जो स्पोर्टी और चिल्ड-आउट है। यही वजह है कि मैं इस कैरेक्टर से रिलेट कर पाती हूं।


मेरे लिए रियल लाइफ में फैशन का मतलब है, जो आपकी स्किन, लुक और माइंड को कंफर्टेबल फील कराए।


रियल लाइफ में भी टॉम ब्वॉय जैसी ही हूं तो मुझे वॉच, सनग्लास और बेल्ट का काफी शौक है। इन सबमें सबसे ज्यादा मुझे डिफरेंट स्टाइल की घड़ियां पसंद हैं।


शॉपिंग के समय मैं कोई खास ब्रांड पर ध्यान नहीं देती हूं लेकिन मुझे जारा और फॉरएवर न्यू ब्रांड पसंद हैं। मुंबई के लोअर परेल स्थित फीनिक्स मॉल में शॉपिंग करना मुझे अच्छा लगता है।


ड्रेसेज के लिए मैं ब्रांड कॉन्शियस नहीं हूं लेकिन शूज की बात आती है तो मुझे रीबॉक और नाइके ब्रांड पसंद हैं। ये केवल अच्छे डिजाइन के होते हैं बल्कि इनकी फिनिशिंग भी बहुत अच्छी होती है। कई बार मुझे स्ट्रीट शॉपिंग करना भी अच्छा लगता है।


मेरा मानना है कि फैशन को लेकर हमें बहुत ज्यादा एक्सपेरिमेंट नहीं करना चाहिए। कंफर्टेबल कपड़े पहनने चाहिए, जो हमारी पर्सनालिटी को सूट करे और हमारी यूनिक स्टाइल को डेवलप करे। हमें कॉपी कैट से बचना चाहिए। फैशन डिजास्टर हो, इसका ध्यान रखना चाहिए।


फैशन आयकन की बात करूं तो मुझे केट मॉस का स्टाइल पसंद है। उसकी स्टाइलिंग और ड्रेसिंग अप कमाल की है। वह जितनी अच्छी एक्ट्रेस हैं, उतनी ही दमदार मॉडल भी।


मेरे कैरेक्टर मिशा को फुटबॉल खेलना पसंद है लेकिन रियल लाइफ में मैं टेनिस खेलती हूं। मैं स्टेट लेवल की टेनिस चैंपियन रह चुकी हूं। मुझे टेनिस मैच देखना पसंद है, क्रिकेट खेलना और देखना भी उतना ही पसंद है। ये दोनों गेम्स हमें एक्टिव और फिट रखते हैं।


छुट्टियां बिताने का मौका मिले तो मैं न्यूयॉर्क और मॉरीशस जाना चाहूंगी। अपने देश में मेरा ड्रीम डेस्टिनेशन लद्दाख है, मैं वहां जाना चाहती हूं।


लव एंड रिलेशनशिप अच्छे इंसान बनने में हमारी मदद करते हैं। ये दोनों रिश्ते हम सबके लिए जरूरी हैं। हम सबको प्यार की जरूरत है। प्यार और दोस्ती एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं।

बुधवार, 15 जून 2011

विक्रमजीत विर्क पहली बार टीवी पर



आशुतोष गोवारीकर की फिल्म खेलें हम जी जान से में पहली बार बड़े पर्दे पर अपने जलवे बिखेरने के बाद विक्रमजीत विर्क जी टीवी के ऐतिहासिक धारावाहिक शोभा सोमनाथ की के माध्यम से पहली बार छोटे पर्दे पर दिखाई देंगे। हरियाणा के करना से आए इस अभिनेता ने बार बार सोमनाथ मंदिर पर आक्रमण कर हर बार शोभा के हाथों मुंह की खाने वाले मुग़ल आक्रमणकारी मोहम्मद गजनवी की भूमिका को सजीव बनाया है ।
वैसे तो इतिहास की पुस्तकों मे अतिक्रू र गजनवी के बारे मैं काफी कुछ लिखा जा चुका है , जिसके आधार पर दर्शक सहज ही यह अंदाज लगा सकते हैं कि विकमजीत के इस किरदार को निभाना कितना चुनौतीपूर्ण होगा। फिर भी, सवा छह फीट के इस कदकाठी के अभिनेता विक्रमजीत ने गजनवी की कूरता को छोटे पर्दे पर उतारने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। इसलिए जब दर्शक शोभा सोमनाथ में विक्रमजीत को गजनवी की भूमिका में देखेंगे तो उन्हें गेगा कि यह किरदार उन्हीं के लिए बना है।
टेलीविज़न पर अपनी पहली प्रस्तुति के बारे में चर्चा करते हुए विक्रमजीत कहते हैं, " इस महान ऐतिहासिक धारावाहिक का हिस्सा बनना मेरे लिए अत्यधिक गर्व की बात है। हमेशा से एथलेटिक्स और मार्शल आर्टस के प्रति मेरा झुकाव रहा है । इसलिए जब मुझे यह एक्शन से भरपूर भूमिका का प्रस्ताव दिया गया तो मैने दोनो हाथों से इस अवसर को झटक लिया । इसे निभाने के लिए मुझे उच्चारण का अभ्यास करना पडा साथ ही गजनवी की भूमिका के एि खास तरह के स्टण्ट का प्रशिक्षण भी लिया। हम सभी ने इस धारावाहिक में खूब पसीना बहाया है और हमें आशा है कि दर्शको को मेरा काम पसंद आएगा। " दक्षिण भारत की कई फिल्मों मे काम कर चुके विक्रमजीत इस समय एक पंजाबी फिल्म में काम कर रहे हैं और शोभा सोमनाथ की के दूसरे एपिसोड मे वह दर्शकों से रूबरू होंगे ।

प्रतिद्वंद्वी बनने जा रहा है गॉडफादर


नॉन गॉडफादर के प्रशंसकों के लिए यह गॉडफादर के बोलने जैसी बात है जिसका मतलब है कि वह प्रतिद्वंद्वी कुल या परिवार के साथ वाक युद्ध कर रहा है। शब्बीर अहलुवालिया कलर्स के धारावाहिक लागी तुझसे लगन में दत्ता का किरदार करने जा रहा है। शब्बीर डॉन का किरदार करने के लिए पूरी तरह तैयार है। देश को जहां बड़ी बेसब्री से इस मजबूत और आकर्षक अभिनेता को इस भूमिका में देखने का इंतजार है इसलिए उसके अनुभव में बारे में जानना दिलचस्प होगा
शब्बीर कहते हैं, मैंने यह खास तरह की भूमिका कैसे स्वीकार की इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि यह अंडरवल्र्ड से संबंधित है। मैं माफिया से जुडे़ सभी थ्रिलर फिल्मों और किताबों का बहुत बड़ा प्रशंसक हूं तथा गॉडफादर को हमेशा लगन से देख सकता हूं। इसलिए छोटे पर्दे पर विलेन का किरदार करना पूरी तरह लुभावना था अत: मैं इस भूमिका को मना नहीं कर सका।
शब्बीर का इस भूमिका के बारे में इतना लालायित होने का कारण यह भी है कि भारतीय टेलीविज़न पर ऐसी भूमिकाएं महिला केंद्रित हैं इसलिए पुरूष अभिनेताओं के लिए यहां काफी गुंजाइश है। लेकिन इस धारावाहिक में दत्ता की भूमिका में शब्बीर को दरअसल एक सशक्त पुरूष किरदार को निभाने का अवसर नज़र आया जो टेलीविज़न धारावाहिक नेतृत्व कर सकता है। इसके अलावा एक्शन के लिए उसका प्रेम भी धारावाहिक में अनेक एक्शन दृश्यों से साफ झलकता हैं तो हम सबके लिए शब्बीर की बलशाली भुजाओं को देखना बड़ा रोमांचक रहेगा। शब्बीर माफिया वारलार्ड के रूप में आपकी परिकल्पनाओं को पर्दे पर कैसे जीवंत बनाता है जानने के लिए देखना मत भूलें !

सब टीवी का नया शो 'अम्माजी की गली'


सब टीवी दर्शकों के लिये 'अम्माजी की गली' नामक नये शो की शुरूआत करने जा रहा है। सब टीवी का यह नया शो परिवार के सभी सदस्यों का मनोरंजन करेगा। अम्माजी की गली की कहानी अमृतसर पर आधारित है। इस शो की कहानी उन परिवारों के इर्द गिर्द घूमती है जो इस भीड़ भरी गली में रहते हैं। इस गली में रहने वाले हर परिवार की अपनी भी अलग-अलग कहानी है मगर इन सबको जोड़ने वाली एक कड़ी हैं और वह हैं अम्माजी। इस शो के माध्यम से सब टीवी 1 मिलियन से अधिक आबादी वाले शहरों में अपनी स्थिति को और अधिक सुदृढ़ बनायेगा। इस शो में अम्माजी की भूमिका फरीदा जलाल निभा रही हैं और इसी शो के माध्यम से एक लंबे समय के अंतराल के बाद टेलीविजन पर रक्षंदा खान की वापसी हो रही है। 'अम्माजी की गली' का प्रसारण सब टीवी पर 20 जून से शाम 730 बजे सोमवार से शुक्रवार तक किया जायेगा।



इस नये शो के लॉन्च पर टिप्पणी करते हुये मल्टी स्क्रीन के मुख्य परिचालन अधिकारी श्री एनपी सिंह ने कहा कि, ''सब टीवी ने अपने नये शो के माध्यम से इस नेटवर्क को काफी सशक्त बना दिया है और हमें पूरा विश्वास है कि इस वर्ष लॉन्च होने वाले नये शो से यह चैनल दर्शकों की संख्या और लोकप्रियता के लिहाज से काफी तेजी से आगे बढ़ेगा।''


इस अवसर पर टिप्पणी करते हुये सब टीवी के कार्यकारी वाइस प्रेसीडेंट एवं बिजनेस प्रमुख श्री अनुज कपूर ने कहा कि, ''अम्माजी की गली की कहानी अमृतसर जैसे छोटे शहर में स्थित है और यह हमारे द्वारा पेश किये जा रहे हल्के-फुल्के पारिवारिक शो की श्रृंखला की नई कड़ी है। इस शो के प्रमुख कलाकारों में फरीदा जलाल एवं रक्षंदा खान जैसे नामचीन कलाकारों के शामिल होने से अधिक से अधिक संख्या में दर्शक इस शो के प्रति आकर्षित होंगे।''


इस शो के विषय में चर्चा करते हुये अम्माजी उर्फ फरीदा जलाल ने कहा कि, ''मैं कुछ समय से टेलीविजन पर वापसी के विषय में गंभीरता से सोच रही थी और इसके लिये मुझे एक ऐसे शो और किरदार की आवश्यकता थी, जिसके साथ मैं न्याय कर सकूं। सब टीवी देखना मुझे अच्छा लगता है और अब तक मैंने जिन फिल्मों अथवा टेलीविजन शो में काम किया है, वे सभी के सभी पारिवारिक पृष्ठभूमि वाले ही रहे हैं। जब मैं अम्माजी की गली के निर्देशक और निर्माता से मिली तब मुझे महसूस हुआ कि यह शो टेलीविजन पर वापस आने के लिये सबसे अच्छा शो है। अब मुझे इस बात का गर्व है कि मेरा निर्णय बिल्कुल सही था और इस शो के साथ जुड़कर मैं गौरवान्वित महसूस कर रही हूं।''


रक्षंदा खान ने कहा कि, ''परमिन्दर की भूमिका में मैं काफी रोमांचित महसूस कर रही हूं। पहली बार मैं किसी फेमिली कॉमेडी शो में अभिनय कर रही हूं। मेरे लिये सबसे खुशी की बात यह है कि इस शो में मैं फरीदा जी के साथ काम कर रही हूं और उनके साथ काम कर मुझे एक सुखद अनुभूति का अहसास हो रहा है।'' उन्होंने यह भी कहा कि, ''इस शो में मैं बिल्कुल एक नई भूमिका में दिखाई दूंगी। इस शो में मैं एक पंजाबी हाउसवाइफ और मां का किरदार निभा रही हूं, जिसे पतंग उड़ाना काफी अच्छा लगता है और वह साफ-सफाई पसंद है। उसे एक प्यारा सा बेटा भी है, जिसका नाम बच्चितर है।''


अम्माजी की गली के निर्माता कॉन्टिलो प्रोडक्शंस के अभिमन्यु सिंह तथा सह निर्माता एंग्री यंग मैन प्रोडक्शंस के दिव्यनिधि शर्मा तथा अपराजिता शर्मा हैं। अम्माजी की गली की पटकथा भी दिव्यनिधि शर्मा एवं अपराजिता शर्मा ने लिखी है। इससे पहले इस लेखकद्वय ने आलू चाट, जोकोमन जैसी फिल्में एवं टेलीविजन के लिये अनेक शो के लिये लेखन का कार्य किया है। इस शो के निर्देशक रवि भूषण हैं।



अम्माजी की गली की कहानी अमृतसर में स्थित है। इस शो की कहानी उन परिवारों के इर्द गिर्द घूमती है जो इस भीड़ भरी गली में रहते हैं। इस गली में रहने वाले हर परिवार की अपनी अलग-अलग कहानी भी है मगर इन सबके बीच एक कॉमन सूत्र है और वह हैं अम्माजी, जो उन्हें उनकी समस्याओं को सुलझाने में मदद करती हैं।



अम्माजी की गली की कहानी एंग्री यंग मैन प्रोडक्शंस लेखक निर्माता द्वय दिवि निधि शर्मा एवं अपराजिता शर्मा ने लिखी है। इससे पहले इस लेखकद्वय ने आलू चाट, जोकोमन जैसी फिल्में एवं टेलीविजन के लिये अनेक शो के लिये लेखन का कार्य किया है। इस शो का निर्माण कॉन्टिलो प्रोडक्शंस के अभिमन्यु सिंह ने किया है।


पात्र परिचय



अम्माजी (फरीदा जलाल) :
अम्माजी एक बहुत ही बुद्धिमान महिला हैं और गली की सबसे पुरानी सदस्य हैं। वह इस गली में रहने वाले सभी लोगों के विषय में अपने बच्चे की तरह जानती हैं। इस गली में रहने वाले सभी लोगों का दिल अम्माजी के लिये धड़कता है, हालांकि वे सभी इस बात को जानते हैं कि वह कभी भी उनकी भावनाओं का प्रति उत्तर नहीं दे सकती हैं, क्योंकि कुछ वर्ष पहले वह लकवाग्रस्त हो चुकी हैं। मगर इस कहानी में भी पेंच है। अम्माजी इस गली में रहने वाले लोगों के लिये भगवान के दूत की तरह हैं। वह इस कहानी की सूत्रधार भी हैं।


परमिन्दर कौर (रक्षंदा खान) :
एक खूबसूरत, नवयुवती, प्यारी सी पंजाबी घरेलू महिला है और वह बहुत ही ज्यादा सफाई पसंद है। वह एक शिक्षित महिला है। उसे पतंग उड़ाना बहुत अच्छा लगता है और आज भी जब वह अकेली होती है वह पतंग उड़ाती है। वह नहीं चाहती है कि उसका बेटा बाचित्तर को या किसी भी अन्य व्यक्ति को इसके विषय में पता चले।


सरदार सुरजीत सिंह (अबिर गोस्वामी) :
सुरजीत परमिन्दर का पति है। उसकी उम्र लगभग 35 वर्ष है और वह एक सरकारी कार्यालय में क्लर्क है। वह बुद्धिमान है और आंकड़ों के खेल में अव्वल है। कई बार वह लोगों को उनके नाम से नहीं बल्कि उनके फोन नंबर और उनकी गाड़ी के नंबर से पहचानता है। वह परमिन्दर को बहुत प्यार करता है और सफाई के प्रति उसकी दीवानगी को देखकर हत्प्रभ भी रहता है।


बचित्तर ( पारेख) :
बचित्तर परमिन्दर का 8 वर्ष का लड़का है। वह बहुत ही जिज्ञासु बच्चा है और अपने नि:श्छल प्रश्नों से अपनी मां को चौंकाता रहता है। उसे पतंग उड़ाना अच्छा लगता है मगर उसे यह नहीं मालूम है कि उसे यह गुण अपनी मां से मिला है। दोनों ही एक-दूसरे को बताये बिना पतंग उड़ाते रहते हैं और आपस में ही प्रतिस्पद्र्धा करते रहते हैं।


रोशनी (कनिका वर्मा) :
यह एक पढ़ी लिखी नवयुवती है और सात वर्ष पूर्व सुरिन्दर शर्मा के साथ इनकी शादी हुई थी। सुरिन्दर शर्मा के साथ उन्होंने अपने परिवार की इच्छा के विरूद्ध शादी की थी। पड़ोसियों की नजर में वह तिखी मिर्ची है और अधिकांश मामलों में पड़ोसी उससे दूर ही रहना चाहते हैं। उसके पास पौधों की एक भरी-पूरी नर्सरी है और वह उनके साथ बच्चों के समान व्यवहार करती है। यहां तक कि उसने पौधों के नाम भी दे रखे हैं।


सुरिन्दर शर्मा (इमरान खान)
सुरिन्दर को रोशनी से प्यार हो गया और उसने अपने परिवार की मर्जी के बगैर यह शादी की। वह इस बात को भली-भांति जानता है कि रोशनी का उसके अलावा इस दुनिया में दूसरा कोई नहीं है। यही वजह है कि वह हर संभव तरीके से उसे खुश रखना चाहता है। पौधों के प्रति उसके प्यार को वह समझता है और इसके जरिये वह अपने मातृत्व को संतुष्ट करना चाहती है, इसलिये वह कभी भी उसके रास्ते का रोड़ा नहीं बनता है। खराब वस्तुओं को ठीक करना उसे अच्छा लगता है। वह हमेशा ही उपकरणों को खोल दिया करता है मगर कभी भी उन्हें बंद नहीं करता है। रोशनी चुपचाप से पलम्बर और इलेक्ट्रिशियन को बुलाकर उन्हें ठीक करा देती है और सुरिन्दर यह समझता है कि उसने ही ठीक किया है।


शीतल (उपासना शुक्ला)
शीतल अपनी सास के साथ पड़ोस में रहती है। उसे प्यारी सी जुड़वां बेटी है और उसका पति कनाडा में काम करता है। शीतल हर चीज का सकारात्मक पहलू देखती है। परिस्थिति चाहे कितनी भी कठिन क्यों हो, शीतल के पास काई कोई समाधान अवश्य होता है। उसका कहना है 'हर चीज में गुड होता है जी'


कलावती (मंजू शर्मा)
कलावती, शीतल की सास है और हर समय वह शीतल की मदद के लिये तैयार रहती हैं। शीतल के साथ उसके संबंध बहुत ही अच्छे हैं। कलावती की लच्छेदार भाषा हर किसी की समझ में नहीं आती है। कलावती की बातों को जब कोई समझ नहीं पाता, तब शीतल की यह जिम्मेदारी होती है कि वह सामने वाले व्यक्ति को अपनी सास द्वारा कही गई बातों को समझाये।


जुड़वां बहनें (जिया एवं जेना)
कोई भी दो व्यक्ति एक जैसा नहीं होता, यहां तक की जुड़वां भी नहीं। देखने में बिल्कुल एक जैसी ये जुड़वां बहनें एक ही तरह के कपड़े पहनती हैं और एक ही तरह से बातें भी करती हैं। इस शो में दोनों बहने बहुत ही प्यारी बच्ची की भूमिका में दिखेंगी।


प्रियंका (प्रियल)
उसकी उम्र 20 वर्ष है और वह परमिन्दर की पड़ोस में रहती है। वह काफी कम उम्र में ही अपनी मां को खो चुकी है और तब से परमिन्दर ही उसकी मां जैसी है। अपने उम्र समूह की अन्य लड़कियों की तरह वह भी केयरलेस है और उसे बहुत कुछ सिखाने की आवश्यकता है। वह नि:श्छल स्वभाव की है और यही परमिन्दर की चिन्ता का सबसे बड़ा विषय है। प्रियंका के पिता अपने काम में ही व्यस्त रहते हैं और उन्हें दीन-दुनिया के विषय में कुछ भी नहीं मालूम होता है।


महत्वपूर्ण तथ्य :

अम्माजी की गली से फरीदा जलाल एवं रक्षंदा खान की टेलीविजन पर वापसी हो रही है

रक्षंदा खान पहली बार किसी कॉमेडी शो में काम कर रही हैं। इस शो में वह प्यारी परमिन्दर कौर की भूमिका में दिखाई देंगी।

कॉन्टिलो के अभिमन्यु सिंह एवं सब टीवी पहली बार अम्माजी की गली के लिये एकजुट हुये हैं।

आलू चाट के लेखक दिव्यनिधि शर्मा ने अम्माजी की गली को लिखा है और वह इसके सह निर्माता भी हैं।

अबीर गोस्वामी सुरजीत सिंह की भूमिका निभा रहे हैं और इस शो के लिये उन्होंने अपनी दाढ़ी बढ़ाई है।

जिया एवं जिना वास्तविक जीवन में जुड़वां बहनें टीवी पर भी जुडवां बहन की भूमिका में दिखाई देंगी।