शुक्रवार, 16 सितंबर 2011

सुपर बैडी अर्जुन रामपाल


अर्जुन रामपाल को कहें या सुपर मॉडल तो गलत कहीं से नहीं है। इन दिनों शाहरुख खान की जितनी चर्चा "रा.वन' को लेकर है, उससे कम चर्चा अर्जुन रामपाल की नहीं है। शाहरुख के कैरेक्टर जी.वन का लुक तो सामने चुका है लेकिन शीर्षक रोल निभा रहे अर्जुन रामपाल के रा.वन का लुक अब तक जगजाहिर नहीं हुआ है। इस फिल्म के म्यूजिक लॉन्च के अवसर पर अर्जुन रामपाल ने बताया-

शाहरुख का साथ
दोस्ती केवल प्रोफेशनली है बल्कि पर्सनली भी। शाहरुख की एनर्जी का जवाब नहीं। उनका काम इतना अच्छा है कि लोग तारीफें करते नहीं थकते। हम सब तो सेट पर उनकी एनर्जी से एनर्जाइज होते रहते हैं।

शाहरुख का सामना
"ओम शांति ओम' के बाद वह फिर से मेरे सामने हैं। उसमें तो वह मेरे सामने मर चुके थे, इसमें भी मरने की कोशिश में हैं। वैसे आपको बता दूं कि इस फिल्म के लिए उन्होंने जबरदस्त वर्कआउट किया है। उनका लुक देखने लायक है। रा.वन के साथ जीवन की यह टक्कर सबको पसंद आने वाली है।

रा.वन का लुक
मेरे द्वारा निभाए गए इस लुक को अब तक छिपाकर रखा गया है। सिर्फ जी.वन के लुक को प्रदर्शित किया गया है। देखिए, शाहरुख का मानना है कि बुराई हम सबके अंदर छिपी होती है। इसका कोई रूप और रंग नहीं होता। यही वजह है कि रा.वन के लुक को जगजाहिर नहीं किया गया है।

फिटनेस रेजिम
इसके लिए मैंने खास मेहनत की है। इस चरित्र को निभाना आसान तो नहीं था और सबसे बड़ी बात यह है कि यह साई-फाई फिल्म है तो इसके लिए मुझे अपने लुक और फिटनेस पर खास मेहनत करनी पड़ी।

पौराणिक रावण से अलग
यह पौराणिक रावण की तरह तो नहीं हो सकता। यह साई-फाई फिल्म है तो मॉडर्न अप्रोच है इसमें। यह बाप-बेटे के बीच की इमोशनल कहानी है। मैं उम्मीद करता हूं कि इस फिल्म को देखने के बाद सारे बच्चे 'रावण-रावण" चिल्लाएं।

सबकुछ
इसलिए ताकि वे इंटरटेन हो सकें। यह फिल्म सबसे अलग है और सबसे मजेदार भी। इसमें अच्छाई के साथ बुराई, रोमांस, एक्शन, बाप-बेटे का प्यार और भी बहुत कुछ देखने को मिलेगा। यदि इतनी सारी चीजें एक ही कहानी में हों तो भला किसे पसंद नहीं आएंगी।

फेवरेट सुपर हीरो
हमने सुपर हीरो फिल्म बनाई है। मेरे फेवरेट सुपर हीरो शाहरुख ही हैं। जीवन के गेटअप में वह कमाल के दिख रहे हैं। उनके पास सुपर हीरो की क्वालिटी है।

सफर
"प्यार इश्क और मोहब्बत' से लेकर "रा.वन' तक का सफर काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा। मैंने अपने करियर का चढ़ाव भी देखा तो उतार भी। मैंने सीखा है कि हमें कभी भी पुराने समय को नहीं भूलना चाहिए और जमीन से जुड़े रहना चाहिए।

गुरुवार, 15 सितंबर 2011

दिक्कत में शाहरुख



नई फिल्म और नये लुक के साथ शाहरुख खान दर्शकों के सामने हैं। फिल्म "रा.वन' के म्यूजिक लॉन्च के अवसर पर शाहरुख ने फिल्म और अपने बेटे से जुड़ी बातें करके सबको लोट-पोट कर दिया। अपनी सबसे महंगी फिल्म को लेकर शाहरुख कुछ ज्यादा ही एक्साइटेड शाहरुख से बातचीत-

फिल्म "रा.वन' करने का कोई खास मकसद?
मैं पिछले 20 सालों से काम कर रहा हूं। मेरे बच्चे सोचते थे कि मैं सिर्फ नाच-गा सकता हूं, माचो टाइप के रोल्स नहीं कर सकता हूं इसलिए मेरे लिए जरूरी हो गया था कि मैं उन्हें दिखाऊं कि मैं भी माचो मैन बन सकता हूं (हंसते हुए) वैसे आपको बता दूं कि हमारे यहां सुपर हीरो का कोई कॉन्सेप्ट नहीं है। मैं अपने देश के लिए अपना सुपर हीरो इंट्रोडउस करना चाहता था।

फिल्म में आपके चरित्र के दो नाम हैं, दोनों में क्या समानता है?
एक का नाम जीवन है तो दूसरे का शेखर। शेखर अपनी पत्नी और बेटे से बहुत प्यार करता है। हर समय उसे प्रपोज करता रहता है। दूसरी ओर, जीवन भी उससे बहुत प्यार करता है। यह फिल्म सिर्फ एक्शन के बारे में है बल्कि इसमें रोमांस और बाप-बेटे की प्यारी सी कहानी भी है।

बाप-बेटे का रिश्ता दिखाने की कोई खास वजह?
हर बेटा अपनी मां के नजदीक होता है। मेरे पिता नहीं हैं। मैं खुद अपनी मां के नजदीक हूं। मेरा बेटा भी सोचता है कि मैं कूल नहीं हूं। मैं ऐसी फिल्म बनाना चाहता था। मुझे उम्मीद है कि इस फिल्म के बाद बाप और बेटे भी एक-दूसरे से ज्यादा प्यार करेंगे।

इस फिल्म में आपने जो कॉस्टउम पहना है, वह काफी भारी दिखता है?
बस दिखता ही है, असल में काफी पतले फैब्रिक का बना है। बस दिक्कत यही है कि उसे पहनने के बाद मुझे हाथ-पैर स्ट्रेच करने में दिक्कत होती थी। और, उससे भी बड़ी दिक्कत यह कि उसमें गर्मी बहुत लगती थी।

करीना के साथ कम फिल्में करने की क्या वजह है?
करीना बहुत व्यस्त रहती हैं। उनके पास समय की कमी है। बड़ी मुश्किल से उन्होंने इस फिल्म के लिए अलग से समय निकाला। उनके पास डेट्स लेने जाओ तो दो-ढाई साल बाद की डेट्स मिलती है।

एकॉन से गाना गवाने की प्रेरणा कहां से मिली?
इसका पूरा श्रेय विशाल-शेखर को जाता है। वह देरी से काम करते हैं पर जबरदस्त करते हैं। मुझे याद है जब मेरा बेटा 5-6 साल का था तो हम दोनों कार में एकॉन का गाना सुनते थे। जब इस गाने को गवाने की बारी आई तो दिमाग में एकॉन का ही नाम आया।

इस फिल्म के बाद क्या?
पहले तो यह फिल्म रिलीज हो जाए। वैसे इसके बाद मैं फिर से रोमांटिक फिल्मों की ओर लौटूंगा।

क्या यह सच है कि यह फिल्म अन्य भाषाओं में भी रिलीज होगी?
बिल्कुल सच है। तमिल और तेलुगु में तो डब हो रही है। मैं तो चाहता हूं कि जर्मन के अलावा अन्य विदेशी भाषाओं में भी डब हो जाए।

बुधवार, 27 जुलाई 2011

21 वी सदी के बच्चों की पढाई 11 वी सदी में


जहॉँ जी टीवी का कार्यक्रम 'शोभा सोमनाथ की" दर्शकों को 11 वी सदी में ले जाता है, वहीं मुख्य भूमिका निभाने वाले बाल कलाकार सेट पर शूटिंग के साथ 21 वी सदी की अपनी पढ़ाई में व्यस्त हैं। आमतौर पर इस उम्र के बच्चे अपना खाली समय दोस्तों के साथ खेलकर व्यतीत करते हैं जबकि अशनूर कौर और अजान अली खान जो क्रमश: शोभा और भीमदेव का किरदार निभा रहे हैं, सेट पर अपनी किताबें लाकर शॉट्र्स के बीच अपना होमवर्ककर रहे हैं। ''इन दोनों बच्चों का इस छोटी उम्र में पढ़ाई के प्रति इतना समर्पण आश्चर्यजनक हैं। खासकर जब इन दोनों बच्चों को शॉट के लिए अपनी लाइन्स याद करनी पड़ती हैं। सेट पर उपस्थित सूत्रों के अनुसार एक बार अशनूर होमवर्क करने में इतनी व्यस्त थी कि वह शॉट के लिए ड़ायरेक्टर का कॉल नही सुन सकी, इसके बाद उसने ड़ायरेक्टर से कुछ समय मांगा ताकि वह शूट पर लौटने से पहले अपना गणित का सवाल हल कर सकें। "" हमनें सुना है कि दोनों बच्चें अपने-अपने स्कूलों में समय पर क्लास में पहुंचने और अच्छे नंबर लाने के लिए जाना जाता हैं। अब यह टें्रड हो गया हैं टीवी इंड़स्ट्री में हम अधिक बार इसे दोहराना चाहते हैं। ये बच्चें मिल रही प्रशंसा, ध्यान और वाहवाही का आनंद लें, परंतु अपनी पढ़ाई की कीमत पर नहीं।

सविता प्रभुणे का दर्द


जी टीवी के सीरियल पवित्र रिश्ता के हाल ही में शूट किए गए एपिसोड़ ने अनुभवी अभिनेत्री सविता प्रभूणे को रुला दिया। जाहिर हैं, शो के करंट टै्रक में सविता प्रभुणे के किरदार, सुलोचना को उनकी बहु मंजुषा घर से बाहर निकाल देती हैं। सविता के इस किरदार ने अपने सभी प्रिय पड़ोसियों से अलविदा किया जिनके साथ उनका जीवनभर का संबंध था। इस अत्यंन्त कष्टदायी सीन को शूट करते वक्त सविता अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख सकी, और अंत में उन्होंने वास्तविक भावनाओं आवेग के साथ इस सीन को पूरा किया। सेट के अंदरुनी सूत्रों से पता चला हैं कि पहले ही टेक में सीन ओके होने के बाद, बहुत लंबे समय तक वह अपना चेहरा ढ़ककर रोती रही। सेट पर सभी बहुत चितिंत थे, जब तक सविता ने अपना मानसिक संतुलना हासिल नहीं कर लिया। इस स्थिति से निकलने के लिए अंतिम उपाय के रुप में, सुशांत राजपुत ने सुझाव दिया कि उन्हें उनकी बेटी से फोन पर बात करवाना चाहिए। इससे सविता का मूड़ काफी बेहतर हो गया, इसके बाद शूटिंग फिर सुचारु रुप से चलने लगी। अपने इस आवेग के बारे में बोलते हुए प्रभुणे ने कहा, ''यह समकालिन भारत की एक दुखद वास्तविकता हैं कि कोई अपने माता-पिता को नजरअंदाज करता है क्योंकि वे उन्हे तकलीफ देह लगने लगते हैं। लेकिन देखते हुए कि यह कैसे बड़े पैमाने पर बढ़ रहा है, अब समय आ गया है हमें इस मुद्दे पर चर्चा करनी होगी। आजकल परिवारों में अपने बुजुर्ग माता पिता को वृद्धाश्रम में भेजने की घटनाएं बढ़ गई हैं। यह मामला और भी बदतर हो जाता हैं जब उन्हें कुटीया समान आश्रयों में छोड़ दिया जाता हैं, सिर्फ इसलिए कि बुजुर्ग लोग घर में तथाकथित 'उपदवी" होते हैं। सभी को अपने माता पिता के प्रति अधिक जिम्मेदार होना चाहिए, क्योंकि वे हमें अच्छा जीवन देने के लिए कठिन प्रयास करते हैं।"" क्या खूब कहा सविता! चलिए आशा करते हैं कि दूसरे लोग भी आपकी तरह सोचना शुरु कर दें।

सोमवार, 25 जुलाई 2011

चिंटू चिंकी और एक बड़ी सी लव स्टोरी


राजेश कुमार और दिव्यांका त्रिपाठी सब टीवी के रोचक रोमांटिक कॉमेडी शो चिंटू चिंकी और एक बड़ी सी लव स्टोरी में वापस रहे हैं। इस शो में छोटे शहर का एहसास है तथा यह भोपाल की पृष्ठभूमि में निर्मित किया गया है। इनके बीच का रोमांस एक निर्दोष अभिव्यक्ति के समान है और इनके आस-पास की स्थितियां ढे़र सारी मनोरंजक घटनाओं एवं रोचक क्षणों को उत्पन्न करने वाली हैं, जो कि इनकी इस खूबसूरत यात्रा के दौरान दर्शकों को मुस्कराहट और हास्य से लवरेज कर देंगी। ये लोग सब पर पहले प्रसारित होने वाले एक शो में युगल के रूप में काफी सराहे गये थे तथा यह पूर्ण आशा है कि वे चिंटू और चिंकी के रूप में एक बार पुन: जादू बिखेरने में सफल होंगे।