बुधवार, 14 मार्च 2012

ताऊ की खरी खरी


“कौन कहां और के बोल्या, सब नेता नगरी हरी भरी,

नही किसी से डरता ताऊ सुन लो इसकी खरी खरी ”

यह कहना है ताऊ का, जो कि आम आदमी की समस्याओं को उठाते हैं अपने लोकप्रिय कार्यक्रम ताऊ की खरी खरी में. सहारा समय पर रविवार दोपहर 1 बजे और शाम 6 बजे दिखाया जाने वाले इस कार्यक्रम में ताऊ हिन्दी और हरियाणवी भाषा में अपने दर्शकों से रूबरू होते हैं. विषय कुछ भी हो, समस्या कैसी भी हो, आम आदमी से जुड़े सरोकारों को लेकर ताऊ देश के नेताओं और समस्या के लिए जिम्मेदार लोगों की अपने चुटीले अंदाज़ में क्लास लेते हैं. बहुत ही कम समय में यह कार्यक्रम दर्शकों में इसलिए लोकप्रिय हुआ है क्योंकि इसका प्रस्तुतिकरण बहुत ही अनोखा है.

किसी भी अन्य कार्यक्रम की तरह ताऊ इसमें कुर्सी पर नही बल्कि खाट पर बैठते हैं सभी प्रसिद्ध लोग ताऊ के साथ उनकी खाट पर ही बैठतें हैं और देश के हालात पर अपने विचार रखते हैं. ताऊ के साथ उनकी खाट पर कैलाश खेर, मास्टर सलीम, तिग्मांशू धूलिया और इरफान खान जैसे प्रसिद्ध लोग अब तक बैठ चुके हैं. ताऊ सभी मेहमानों को देश - समाज के प्रति उनकी जिम्मेदारियों के बारे में जागरूक करते हैं और ये मेहमान अपने माध्यम से लोगों को जागरूक करते हैं. ताऊ केवल राजनीतिक चर्चा ही नही करते बल्कि अच्छे सिनेमा, नाटक के बारे में भी चर्चा करते हैं.

इस कार्यक्रम में जहां ताऊ लोगों की समस्याओं को उठाते है वहीं आम आदमी की आवाज़ भी बनते हैं. आम आदमी को उसके अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक करते हैं साथ ही आम आदमी को भी इस कार्यक्रम में अपनी बात कहने का मंच दिया जाता है. उसकी राय रिपोर्टरों के माध्यम से कार्यक्रम में शामिल की जाती है.

समय चैनल के अलावा ये कार्यक्रम रविवार रात 9.30 बजे सहारा उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड, सहारा बिहार झारखंड रविवार रात 10.30 पर भी दिखाया जाता है. इस कार्यक्रम का निर्माण सहारा की क्रिएटिव टीम करती है. जिसमें अनु रिज़वी, अनुराग दीक्षित, विजय कुमार के साथ ताऊ ( अतुल गंगवार ) हैं

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